भोपाल । साठ महत्वपूर्ण ग्रंथोंं के सर्जक एवं चार सौ चित्रों के चित्रकार स्व. अम्बिका प्रसाद दिव्य की स्मृति में विगत उन्नीस वर्षो से दिये जा रहे राष्ट्रीय ख्याति के दिव्य पुरस्कारो की घोषणा उनकी जन्म जयन्ती 16मार्च 2018 को साईंनाथ नगर, महाबली कोलार, भोपाल स्थित साहित्य सदन में आयोजित एक सादा समारोह में श्री जगदीश किंजल्क ने की ।
इस वर्ष के पुरस्कारों में उपन्यास विधा में श्रीमती कुसुम खेमानी (कोलकाता ) को उनके उपन्यास ” जडिया बाई ” को दिया जायेगा । द्वितीय और तृतीय क्रम में आने वाले उपन्यास में ” हेमू ” ( डॉक्टर तारकेश्वर उपाध्याय ) ” मोतीहारी एवं चतुर्भुज ” (डॉक्टर अरविंद जैन भोपाल ) को दिव्य प्रशस्ति पत्र प्रदान किये जायेंगे । व्यंग्य विधा में श्री सुदर्शन सोनी (भोपाल ) को उनकी कृति आरोहण के लिए दिया जायेगा । इसके साथ ही दिव्य प्रशस्ति पत्र पाने वाले व्यंग्यकार हैं श्री आलोक सक्सेना (दिल्ली ) उनकी कृति ” पप्पू बन गया अफसर ” एवं बिहारी दुबे ( पन्ना ) को उनकी कृति ” चौंकना मना है ” के लिये प्रदान किये जायेंगे ।कहानी विधा में वीकानेर की इंजीनियर श्रीमती आशा शर्मा को उनकी कृति ” उजले दिन मटमैली शामें ” को दिव्य पुरस्कार प्रदान किया जायेगा ।
दिव्य प्रशस्ति पत्र पाने वाली लेखिकायेंं हैं डॉक्टर सुमन लता श्रीवास्तव (जबलपुर ) कृति ” कटघरे “।
काव्य विधा में कविता के साथ नयी कविता एवं गजल विधा को शामिल किया गया है नयी कविता के लिए सुश्री लक्ष्मी रूपल , जीरकपुर ( पंजाब ) की कृति ” तेरा पानी मेरा पानी ” को दिव्य पुरस्कार प्रदान किया जायेगा । अहमदाबाद के घमंडी राम किशोर मेहता, कृति “अंधेरे का समाजवाद ,”श्री गंगा शरण प्यासा (मरैना ) कृति ” गंगा हजारिका ” श्री ब्रज श्रीवास्तव( विदिशा ) को उनकी कृति ” ऐसे दिन का इंतजार “तथा श्री शैलेंद्र सिंह शैल कति ” तन्हा साया ” को प्रशस्ति पत्र प्रदान किये जायेंगे । बाल साहित्य के अंतर्गत भोपाल के डाक्टर परशुराम शुक्ल को उनकी कृति ” परमचंद के कारनामे ” के लिये दिव्य पुरस्कार प्रदान किया जायेगा । इसी क्रम में प्रशस्ति पत्र गुडगांव के श्री घमंडीलाल अग्रवाल को उनकी कृति “नये निराले गीत ” के लिये दिया जाएगा ।
निबन्ध विधा का दिव्य पुरस्कार जबलपुर की लेखिका डॉक्टर तनूजा चौधरी को उनकी कृति साठोत्तर लेखिकाओं का ” स्त्री-विमर्श ” के लिये दिया जाएगा एवं दिव्य प्रशस्ति पत्र चौन्ने की डॉक्टर ए . फातिमा को उनकी कृति “डॉक्टर विश्व नाथ त्रिपाठी के साहित्य में चित्रित ग्रामीण जीवन सभ्यता के लिए दिया जायेगा । इस वर्ष देश के विभिन्न अंचलोअं से दिव्य पुरस्कारों हेतु 156 पुस्तकें प्राप्त हुईं ।
राष्ट्रीय ख्याति के दिव्य पुरस्कारों के सम्मानीय निर्णायक
विद्वान हैं – श्री रामदेव भारद्वाज (कुलपति ) 2- श्री प्रभु दयाल मिश्र 3- डॉक्टर राधा बल्लभ शर्मा 4- श्री घनश्याम सक्सेना 5- डॉक्टर विनय राजाराम 6- श्री मयंक श्रीवास्तव 7- श्रीमती विजय लक्ष्मी विभा 8-राजेन्दर नागदेव 9 – श्री हरि जोशी 10- श्री पी.डी खैरा 11- श्री अरुण तिवारी 12- श्री राधेलाल विजघावने 13- डॉक्टर सुनीता खत्री 14- श्री राग तैलंग 15-श्री मती राजो किंजल्क ।
स्मरणीय है कि राष्ट्रीय ख्याति के दिव्य पुरस्कार विगत बीस वर्षो से प्रदान किये जा रहे हैं । संयोजक श्री जगदीश किंजल्क ने बताया कि इक्कीसवे दिव्य पुरस्कारों के लिये कृतियाँ शीघ्र ही आमंत्रित की जायेंगी ।
विद्वान हैं – श्री रामदेव भारद्वाज (कुलपति ) 2- श्री प्रभु दयाल मिश्र 3- डॉक्टर राधा बल्लभ शर्मा 4- श्री घनश्याम सक्सेना 5- डॉक्टर विनय राजाराम 6- श्री मयंक श्रीवास्तव 7- श्रीमती विजय लक्ष्मी विभा 8-राजेन्दर नागदेव 9 – श्री हरि जोशी 10- श्री पी.डी खैरा 11- श्री अरुण तिवारी 12- श्री राधेलाल विजघावने 13- डॉक्टर सुनीता खत्री 14- श्री राग तैलंग 15-श्री मती राजो किंजल्क ।
स्मरणीय है कि राष्ट्रीय ख्याति के दिव्य पुरस्कार विगत बीस वर्षो से प्रदान किये जा रहे हैं । संयोजक श्री जगदीश किंजल्क ने बताया कि इक्कीसवे दिव्य पुरस्कारों के लिये कृतियाँ शीघ्र ही आमंत्रित की जायेंगी ।
प्रस्तुति: अलकनंदा सिंह
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