आजकल आप लोग पढ ही रहे होंगे कि भारत-चीन मैत्री के लिए विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण सहित कई अन्य नेता शंघाई की विजिट पर हैं, हमारे ये सभी मंत्री वहां शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन में भाग लेने गए हैं। आगामी दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व चीनी राट्रपति शीचिनफिंग की मुलाकात होनी है।
इस अवसर पर ‘भारत-चीन मैत्री में हिंदी का योगदान’ समारोह का आयोजन हुआ जिसमें उपस्थित हिंदी के चीनी अध्यापक एवं विद्यार्थियों ने कविता पाठ किया, बाबा नागार्जुन और रामधारी सिहं दिनकर की कविताओं का पाठ चीनी विद्यार्थियों ने किया , वह भी सस्वर । अद्भुत नज़ारा रहा।
इसी संदर्भ में एक दिन पहले बीजिंग में जो ”भैरव से भैरवी तक” कार्यक्रम हुआ उसमें प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक राजन-साजन मिश्र के गाए भैरवी गान को आप भी सुनें …
ये दोनों महान कलाकार 18 नवंबर 2017 से ”भैरव से भैरवी तक” को विश्वभर के 50 शहरों में श्रोताओं को सुनाने निकले हैं।
”भैरव से भैरवी तक” की इसी कड़ी में साउथ ईस्ट एशिया में चीन भी उनका डेस्टीनेशन था सो उन्होंने बीजिंग के नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स में ये कंपोजीशन सुनाई।
आप शायद जानते होंगे कि भैरव सुबह का राग है और भैरवी रात का, इन दोनों के बीच में कई सारे अन्य राग भी मौजूद हैं जो दोपहर के, शाम के, रात के माने जाते हैं, इन दोनों रागों के बीच दूसरे रागों का बड़ा ‘स्पेक्ट्रम’ है जिसे यहां अभी बताना जरूरी नहीं।
बनारस से अस्सी घाट से 18 नवंबर 2017 से शुरू करने के बाद अहमदाबाद , कोलकाता, दिल्ली, बैंगलोर, पुणे, मुंबई, भोपाल, लुधियाना, पटना में भी इस सीरीज में कार्यक्रम प्रस्तुति रही। इसके बाद विश्व दौरे का कारवां जहां मार्च 2018 में साउथ ईस्ट एशिया से शुरू हुआ जो अमेरिका से लेकर न्यूजीलैंड तक जाएगा।
-अलकनंदा सिंह
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