जानवरों के क्लोन और लगभग आधा दर्जन जानलेवा बीमारियों का इलाज Stem
cell Therapy से सफलतापूर्वक ढूंढ़ने लेने के बाद अब गाइनिकॉलॉजिस्ट्स एक
और सफल प्रयोग करने में सफल हुए हैं। जी हां, अब Stem cell के ज़रिए त्वचा
से स्पर्म तैयार होगा और बच्चा पैदा हो जाएगा।
आगरा में आज देश विदेश के गाइनोकोलॉजिस्ट की “नेशनल कांफ्रेंस आईकोग-2016” में 59th All India Congress of Obstetrics & Gynaecology के कलाकृति ग्राउंड में चल रहे सम्मेलन में ये सच सबके सामने आया, हालांकि जो कुछ दिखाया गया , वह अपने प्रायोगिक दौर से अभी तक आगे नहीं आया मगर बहुत जल्द ही इससे हम बच्चों की पैदाइश का उपहार उन दंपत्तियों को दे पाऐंगे जो किन्हीं शारीरिक कारणों से नि:संतान हैं।
चिकित्सा जगत में स्टेम सेल से कई बीमारियों का तोड़ खोजने के बाद अब बच्चे को जन्म दिए जाने की तैयारी कर चुके स्टेम सेल में ही कई बीमारियों की खोज करने वाले अमेरिका के विश्वविख्यात डॉ. स्कैटेन गैराल्ड दुनिया को यह तोहफा देने वाले हैं जिसका खुलासा उन्होंने आगरा में किया।
उनकी रिसर्च लगभग पूरी हो चुकी है, जिसे जल्द ही विश्व पटल पर प्रकाशित किया जाएगा। ताज नगरी में चल रही नेशनल कॉन्फ्रेंस ‘आईकोग-2016’ के अंतिम दिन आज रविवार को इस आधुनिक रिसर्च से डॉ. गैराल्ड ने कई देशों से आए डॉक्टरों को रू-ब-रू कराया।
आम लोगों की जानकारी के लिए बता दूं कि स्टेम सेल मूलत: ऐसे अविकसित सेल होते हैं जो इविकसित होते हुए भी एक विकसित कोशिका के रूप में सारी विशिष्टता रखते हैं।
बायो टेक्नोलॉजी ने क्लोनिंग जैसे आधुनिक चिकित्सा प्रयोगों के साथ एक और चिकित्सा-क्षेत्र को जन्म दिया है, जिसका नाम है कोशिका चिकित्सा यानि Cell therapy। इसके अंतर्गत ऐसी कोशिकाओं Cells का अध्ययन किया जाता है, जिसमें वृद्धि, विभाजन और विभेदन कर नए Tissues बनाने की क्षमता होती है।
सर्वप्रथम Blood cells बनाने वाले Tissues से इस चिकित्सा का विचार व प्रयोग शुरु हुआ था जिसमें अस्थि-मज्जा( bone marrow) से प्राप्त ये कोशिकाएं, आजीवन शरीर में रक्त का उत्पादन करतीं हैं और कैंसर आदि रोगों में इनका प्रत्यारोपण कर पूरी रक्त प्रणाली को, पुनर्संचित किया जा सकता है। ऐसी कोशिकाओं को ही स्टेम कोशिका कहते हैं।
डॉ. गैराल्ड स्कैटेन ने अब तक दुनिया को Stem cell Therapy के जरिए स्त्री रोग से जुड़ी कई बीमारियों पर आविष्कार कर नई खोज दी हैं। अब वह Stem cell के जरिए Sperms ( शुक्राणु ) तैयार कर बच्चे का जन्म कराने वाली रिसर्च का तोहफा देने वाले हैं।
Nobel पुरस्कार के लिए भी डॉ. गैराल्ड स्कैटेन का नाम चल रहा है। कलाकृति ग्राउंड में चल रही नेशनल कॉन्फ्रेंस ‘ऑल इंडिया कांग्रेस आब्सटेट्रिक एंड गायनेकोलॉजी-2016’ में भाग लेने आए डॉ. गैराल्ड पूरी तरह आश्वस्त हैं कि जल्द ही Stem cell से बच्चे का जन्म भी हो सकेगा। ऐसे प्रयोगों को आगे बढ़ाने के पीछे उन्होंने मुख्य कारण बताया कि महिला और पुरुषों में फर्टिलिटी रेट लगातार गिरता जा रहा है। इसी के कारण IVF का चलन बढ़ा है, मगर अब बच्चे को जन्म देने के लिए Stem cell Therapy दुनिया के लिए एक बेहतरीन तोहफा होगी।
डॉ. गैराल्ड बताते हैं कि पुरुष में Sperm काउंट पूरी तरह खत्म होने और फर्टिलिटी भी खत्म हो जाने की स्थिति में त्वचा से Stem cell विकसित किए जाएंगे। इससे उसी व्यक्ति का Sperm तैयार किया जाएगा। इसके बाद उनकी महिला पार्टनर की ओवरी में IVF पद्धति से स्पर्म इंजेक्ट कर बच्चे का जन्म कराया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि बंदर व अन्य जानवरों पर शोध कर लिया गया है।
– अलकनंदा सिंह
आगरा में आज देश विदेश के गाइनोकोलॉजिस्ट की “नेशनल कांफ्रेंस आईकोग-2016” में 59th All India Congress of Obstetrics & Gynaecology के कलाकृति ग्राउंड में चल रहे सम्मेलन में ये सच सबके सामने आया, हालांकि जो कुछ दिखाया गया , वह अपने प्रायोगिक दौर से अभी तक आगे नहीं आया मगर बहुत जल्द ही इससे हम बच्चों की पैदाइश का उपहार उन दंपत्तियों को दे पाऐंगे जो किन्हीं शारीरिक कारणों से नि:संतान हैं।
चिकित्सा जगत में स्टेम सेल से कई बीमारियों का तोड़ खोजने के बाद अब बच्चे को जन्म दिए जाने की तैयारी कर चुके स्टेम सेल में ही कई बीमारियों की खोज करने वाले अमेरिका के विश्वविख्यात डॉ. स्कैटेन गैराल्ड दुनिया को यह तोहफा देने वाले हैं जिसका खुलासा उन्होंने आगरा में किया।
उनकी रिसर्च लगभग पूरी हो चुकी है, जिसे जल्द ही विश्व पटल पर प्रकाशित किया जाएगा। ताज नगरी में चल रही नेशनल कॉन्फ्रेंस ‘आईकोग-2016’ के अंतिम दिन आज रविवार को इस आधुनिक रिसर्च से डॉ. गैराल्ड ने कई देशों से आए डॉक्टरों को रू-ब-रू कराया।
आम लोगों की जानकारी के लिए बता दूं कि स्टेम सेल मूलत: ऐसे अविकसित सेल होते हैं जो इविकसित होते हुए भी एक विकसित कोशिका के रूप में सारी विशिष्टता रखते हैं।
बायो टेक्नोलॉजी ने क्लोनिंग जैसे आधुनिक चिकित्सा प्रयोगों के साथ एक और चिकित्सा-क्षेत्र को जन्म दिया है, जिसका नाम है कोशिका चिकित्सा यानि Cell therapy। इसके अंतर्गत ऐसी कोशिकाओं Cells का अध्ययन किया जाता है, जिसमें वृद्धि, विभाजन और विभेदन कर नए Tissues बनाने की क्षमता होती है।
सर्वप्रथम Blood cells बनाने वाले Tissues से इस चिकित्सा का विचार व प्रयोग शुरु हुआ था जिसमें अस्थि-मज्जा( bone marrow) से प्राप्त ये कोशिकाएं, आजीवन शरीर में रक्त का उत्पादन करतीं हैं और कैंसर आदि रोगों में इनका प्रत्यारोपण कर पूरी रक्त प्रणाली को, पुनर्संचित किया जा सकता है। ऐसी कोशिकाओं को ही स्टेम कोशिका कहते हैं।
डॉ. गैराल्ड स्कैटेन ने अब तक दुनिया को Stem cell Therapy के जरिए स्त्री रोग से जुड़ी कई बीमारियों पर आविष्कार कर नई खोज दी हैं। अब वह Stem cell के जरिए Sperms ( शुक्राणु ) तैयार कर बच्चे का जन्म कराने वाली रिसर्च का तोहफा देने वाले हैं।
Nobel पुरस्कार के लिए भी डॉ. गैराल्ड स्कैटेन का नाम चल रहा है। कलाकृति ग्राउंड में चल रही नेशनल कॉन्फ्रेंस ‘ऑल इंडिया कांग्रेस आब्सटेट्रिक एंड गायनेकोलॉजी-2016’ में भाग लेने आए डॉ. गैराल्ड पूरी तरह आश्वस्त हैं कि जल्द ही Stem cell से बच्चे का जन्म भी हो सकेगा। ऐसे प्रयोगों को आगे बढ़ाने के पीछे उन्होंने मुख्य कारण बताया कि महिला और पुरुषों में फर्टिलिटी रेट लगातार गिरता जा रहा है। इसी के कारण IVF का चलन बढ़ा है, मगर अब बच्चे को जन्म देने के लिए Stem cell Therapy दुनिया के लिए एक बेहतरीन तोहफा होगी।
डॉ. गैराल्ड बताते हैं कि पुरुष में Sperm काउंट पूरी तरह खत्म होने और फर्टिलिटी भी खत्म हो जाने की स्थिति में त्वचा से Stem cell विकसित किए जाएंगे। इससे उसी व्यक्ति का Sperm तैयार किया जाएगा। इसके बाद उनकी महिला पार्टनर की ओवरी में IVF पद्धति से स्पर्म इंजेक्ट कर बच्चे का जन्म कराया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि बंदर व अन्य जानवरों पर शोध कर लिया गया है।
– अलकनंदा सिंह
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