सोमवार, 26 फ़रवरी 2018

आज हुई मथुरा में श्रीकृष्‍ण जन्‍मस्‍थान पर Holi

 आज श्रीकृष्‍ण जन्‍मस्‍थान मथुरा पर हुई Holi: रंगभरनी एकादशी पर भगवान श्रीकृष्‍णजन्‍मस्‍थान की होली ने सभी दर्शकों को भी सराबोर कर दिया। इस अवसर पर ब्रज की मनभावन होली के रंगभरे उल्लास तो दिखाई ही दिया साथ ही परंपरागत ‘मयूर नृत्य’ की उमंग ने समां बांध दिया। ‘रसिया’ की तान पर नटखट गोपाल की संगीतमय आराधना ने अपनी छटा बिखेरी तो यह ब्रज की पांच हजार वर्ष पुरानी कृष्णमयी संस्कृति और लोकपरम्परा साक्षात हो गई। ब्रज की संस्‍कृति का अभिन्न अंग है श्रीकृष्‍ण जन्‍मस्‍थान की ये होली।


भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि के लीला मंच पर रंगभरनी एकादशी 26 फरवरी को लठामार Holi का आयोजन किया गया। होली के लिए अयोध्या से गुलाल मंगाया गया। ब्रज की होली से जुड़े स्थलों की पवित्र रज मिश्रित गुलाल की बरसात की जाएगी। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और जय श्रीकृष्ण लठामार होली समिति ने व्यवस्थाओं को पूरा कर लिया है।
संस्थान के सचिव कपिल शर्मा, सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि जन्मभूमि की अलौकिक Holi के लिए ढाल, बारह¨सगा, ढोल, नगाड़े रंग-पुत कर तैयार किए जा रहे हैं। तेल में भीगी हुरियारिनों की लाठियां भी प्रिया-प्रियतम की होली के लिए तैयार हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ दोपहर दो बजे ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा करेंगे। महिलाओं के बैठने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि होली के लिए भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या से गुलाल मंगाया गया है। ब्रज में भगवान की होली लीला से जुड़े स्थलों की पवित्र रज मिश्रित गुलाल, पुष्प की बरसा मशीनों द्वारा की गई।
251 हुरियारे-हुरियारनों ने खेली लठामार होली
श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर इस बार रावल और श्रीकृष्ण संकीर्तन मंडल के 251 हुरियारे और हुरियारिनें लठामार होली का हिस्सा बने। लहरिया रंग के लहंगा-फरिया पहनें हुरयारिनें-हुरियारों पर लाठियों से प्रहार करतीं नजर आईं वहीं पीले और सफेद धोती-कुर्ता में सजे हुरियारे उनसे हंसी-ठिठोली करते दिखे।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि रंगभरनी एकादशी पर परिसर में होने वाली लठामार होली को खास बनाने के लिए मंदिर प्रबंधन ने थोड़ा बदलाव किया है। पूर्व की अपेक्षा इस बार अधिक संख्या में हुरियारे व हुरियारिनों को आमंत्रित किया गया है।
विगत वर्ष 151 हुरियारे व हुरियारिनों ने इसमें भाग लिया था, इस वर्ष इनकी संख्या में इजाफा किया गया है और 251 हुरियारे और हुरियारिनों को आमंत्रित किया गया है।
भक्त यहां प्रभु के साथ Holi खेलने आते हैं,  यहां आने वाला प्रत्येक भक्त यह अहसास करता है कि वह वास्तव में ठाकुरजी के साथ ही होली खेल रहा है।
-Legend News

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें