चेतन भगत उन चंद युवा लेखकों में से हैं जो जानते हैं कि चर्चा में बने रहने के लिए कब, क्या और कैसे करना चाहिए। पिछले दिनों जन्माष्टमी पर उन्होंने अनोखे अंदाज में यह खुलासा किया कि उनकी नई किताब द गर्ल इन रूम 105 (The Girl in Room 105) के पात्र का नाम भी कान्हा के ही नाम पर है।
दरअसल, चेतन के हर उपन्यास में नायक का नाम श्रीकृष्ण के पर्यायवाची नाम पर है।
चेतन ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि हरि (five point someone), श्याम (one night @ the call center), गोविंद(3 mistakes of my life), क्रिश (2 states), गोपाल(Revolution 2020), माधव (Half Girlfriend) राधिका, ब्रजेश (One Indian Girl) और अब केशव…. मेरी सारी किताबों के नायक कृष्ण हैं, जन्माष्टमी की शुभकामनाएं…
अपनी नई किताब ‘द गर्ल इन रूम 105’ के लिए अपना चिरपरिचित बाजार तैयार करने के लिए वे इन हथकंडों को भी अपना रहे हैं। दरअसल अपने पाठकों से किताब का परिचय कराने के लिए चेतन ने बाकायदा इसका ट्रेलर लांच किया है। अभिनेता विक्रांत मैसी इस ट्रेलर में अपनी कहानी बता रहे हैं।
माना जा रहा है कि इस सबके पीछे फिल्म निर्माता मोहित सूरी का हाथ है। कहीं इस पर वेब सीरिज या फिल्म बनाने का इरादा तो नहीं है… पाठक समझदार हैं और वे चेतन से इस संबंध में तीखे सवाल भी कर रहे हैं। पाठकों ने चेतन को बधाई दी है तो कुछ ने उनके मार्केट स्ट्रेटजी पर तंज भी कसे हैं।
ट्रेलर देखने के बाद भगत का यह उपन्यास उनके पिछले रोमांटिक उपन्यास की तरह नहीं नजर आ रहा है। उन्होंने इसे एक अलग टैगलाइन ‘एन अनलव स्टोरी’ दी है।
क्या है कहानी
चेतन के इस उपन्यास की कथा केशव राजपुरोहित (निसंदेह, आईआईटी के पूर्व) के आसपास घूमती है, जो एक कोचिंग सेंटर में पढ़ाता है और अपनी पूर्व गर्लफ्रेंड जारा को भुलाने की कोशिश कर रहा है।
जारा एक कश्मीरी मुस्लिम लड़की है, जबकि केशव संघ के एक बड़े नेता का बेटा है। कहानी का प्लॉट कश्मीर और आतंकवाद के आसपास का नजर आता है। चेतन ने अपनी किताब के बारे में लोगों के सवालों का जवाब देने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। यह भी बताया कि पहले की तरह अपनी कहानी के लिए मुख्य किरदार का नाम कृष्ण के नाम पर ही रखा है।
दिलचस्प तथ्य यह है कि उनकी किताब के ट्रेलर को काफी पसंद किया जा रहा है। यू-ट्यूब पर जारी इस ट्रेलर के नीचे आ रहे कमेंट मिलेजुले हैं। यहां एक तरह की जंग भी मिल रही है और चेतन को पसंद करने वाले पाठकों का प्यार भी…
यह किताब अक्टूबर में बाजार में आ जाएगी। लेखक का दावा है कि यह ‘चेतन भगत की चिरपरिचित लव स्टोरी से थोड़ी अलग है।
-Alaknanda Singh
दरअसल, चेतन के हर उपन्यास में नायक का नाम श्रीकृष्ण के पर्यायवाची नाम पर है।
चेतन ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि हरि (five point someone), श्याम (one night @ the call center), गोविंद(3 mistakes of my life), क्रिश (2 states), गोपाल(Revolution 2020), माधव (Half Girlfriend) राधिका, ब्रजेश (One Indian Girl) और अब केशव…. मेरी सारी किताबों के नायक कृष्ण हैं, जन्माष्टमी की शुभकामनाएं…
अपनी नई किताब ‘द गर्ल इन रूम 105’ के लिए अपना चिरपरिचित बाजार तैयार करने के लिए वे इन हथकंडों को भी अपना रहे हैं। दरअसल अपने पाठकों से किताब का परिचय कराने के लिए चेतन ने बाकायदा इसका ट्रेलर लांच किया है। अभिनेता विक्रांत मैसी इस ट्रेलर में अपनी कहानी बता रहे हैं।
माना जा रहा है कि इस सबके पीछे फिल्म निर्माता मोहित सूरी का हाथ है। कहीं इस पर वेब सीरिज या फिल्म बनाने का इरादा तो नहीं है… पाठक समझदार हैं और वे चेतन से इस संबंध में तीखे सवाल भी कर रहे हैं। पाठकों ने चेतन को बधाई दी है तो कुछ ने उनके मार्केट स्ट्रेटजी पर तंज भी कसे हैं।
ट्रेलर देखने के बाद भगत का यह उपन्यास उनके पिछले रोमांटिक उपन्यास की तरह नहीं नजर आ रहा है। उन्होंने इसे एक अलग टैगलाइन ‘एन अनलव स्टोरी’ दी है।
क्या है कहानी
चेतन के इस उपन्यास की कथा केशव राजपुरोहित (निसंदेह, आईआईटी के पूर्व) के आसपास घूमती है, जो एक कोचिंग सेंटर में पढ़ाता है और अपनी पूर्व गर्लफ्रेंड जारा को भुलाने की कोशिश कर रहा है।
जारा एक कश्मीरी मुस्लिम लड़की है, जबकि केशव संघ के एक बड़े नेता का बेटा है। कहानी का प्लॉट कश्मीर और आतंकवाद के आसपास का नजर आता है। चेतन ने अपनी किताब के बारे में लोगों के सवालों का जवाब देने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। यह भी बताया कि पहले की तरह अपनी कहानी के लिए मुख्य किरदार का नाम कृष्ण के नाम पर ही रखा है।
दिलचस्प तथ्य यह है कि उनकी किताब के ट्रेलर को काफी पसंद किया जा रहा है। यू-ट्यूब पर जारी इस ट्रेलर के नीचे आ रहे कमेंट मिलेजुले हैं। यहां एक तरह की जंग भी मिल रही है और चेतन को पसंद करने वाले पाठकों का प्यार भी…
यह किताब अक्टूबर में बाजार में आ जाएगी। लेखक का दावा है कि यह ‘चेतन भगत की चिरपरिचित लव स्टोरी से थोड़ी अलग है।
-Alaknanda Singh
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