गुरुवार, 23 फ़रवरी 2017

NASA opportunity: धरती के आकार वाले सात नए ग्रहों का पता लगा, इन सभी ग्रहों पर पानी मिलने की पूरी संभावना

NASA  ने आज एक ऐसी खुशखबरी दी है  जिससे पूरा अंतरिक्ष  शोध  जगत खुश  है और अपने अपने दलों  के साथ शोध  की दशा और दिशा नए  सिरे से तय करने में लग गया है। जी हां, धरती के आकार के सात ग्रहों का पता लगाया है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. अमरीकी स्पेस एजेंसी NASA के वैज्ञानिकों ने एक तारे के इर्द-गिर्द
मिले इन सभी सात ग्रहों की सतह पर, इनकी दूसरी विशेषताओं के कारण पानी मिलने की पूरी संभावना जताई है.
जैसा नासा ने कहा  

NASA's Spitzer Space Telescope has revealed the first known system of seven Earth-size planets around a single star. Three of these planets are firmly located in the habitable zone, the area around the parent star where a rocky planet is most likely to have liquid water.
The discovery sets a new record for greatest number of habitable-zone planets found around a single star outside our solar system. All of these seven planets could have liquid water – key to life as we know it – under the right atmospheric conditions, but the chances are highest with the three in the habitable zone.
“This discovery could be a significant piece in the puzzle of finding habitable environments, places that are conducive to life,” said Thomas Zurbuchen, associate administrator of the agency’s Science Mission Directorate in Washington. “Answering the question ‘are we alone’ is a top science priority and finding so many planets like these for the first time in the habitable zone is a remarkable step forward toward that goal.”


माना जा रहा है कि इनमें से तीन ग्रह पर जीवन की संभावना है और ये “बसने लायक” हैं.
ये सातों ग्रह ट्रैप्पिस्ट-1 नाम के तारे के इर्द-गिर्द मौजूद हैं. यह तारा धरती से 40 प्रकाश वर्ष दूर है. यह आकार में छोटा और और ठंडा तारा है.



नेचर पत्रिका में बताया है कि नासा के स्पलिट्जर स्पेस दूरबीन और सतह से जुड़े कुछ वेधशालाओं की मदद से इन ग्रहों को खोजा गया है.
बेल्जियम यूनिवर्सिटी ऑफ लेज के जाने माने लेखक माइकल गिल्लन का कहना है, “ये सारे ग्रह एक दूसरे के करीब हैं. साथ ही ये सातों ग्रह अपने तारे से काफी नजदीक स्थित हैं. इनकी स्थिति बृहस्पति के आसपास मौजूद चंद्रमाओं से काफी मिलती है.”
माइकल के मुताबिक़, “तारा इतना ठंडा और आकार में इतना छोटा है कि माना जा रहा है कि सातों ग्रह का तापमान समशीतोष्ण है. इसका ये अर्थ है कि वहां लिक्विड वाटर हो सकता है. और संभव है कि वहां की सतह पर जीवन संभव हो सके.”
ट्रैप्पिस्ट-1 के तीन ग्रह परिभाषा के अनुसार पारंपरिक आवासीय क्षेत्र में है. यहां की सतह पर पर्याप्त वायुमंडलीय दबाव के कारण पानी हो सकता है.
बीबीसी के विज्ञान संपादक डेविड शुकमैन बताते हैं कि नई खोज के बारे में वैज्ञानिक केवल इसलिए उत्साहित नहीं है कि ये ग्रह धरती के आकार के हैं, बल्कि ट्रैप्पिस्ट-1 बेहद छोटा और धुंधला तारा है. इसका मतलब ये है कि दूरबीन को ग्रहों का अध्ययन करने में उतनी परेशानी नहीं हुई जितनी उन्हें इससे अधिक चमकीले तारों का अध्ययन करते समय होती है.
इससे अब बहुत दूर स्थित इस दुनिया और उनके वायुमंडल के बारे में शोध करने के कई नए अवसर पैदा हुए हैं.
शोध का अगला चरण शुरू हो चुका है. इसमें वैज्ञानिकों ने ऑक्सीजन और मिथेन जैसे महत्वपूर्ण गैसों की खोज कर रहे हैं. इससे ग्रहों की सतह पर हो रही हलचल और बदलाव के बारे में साक्ष्य मिल सकते हैं. 

प्रस्‍तुति: अलकनंदा सिंह

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