नईदिल्ली।
के. के. बिड़ला फाउंडेशन ने वर्ष 2013 के 23वें बिहारी पुरस्कार के लिए चंद्रप्रकाश देवल के राजस्थानी भाषा में लिखे गये काव्य संग्रह हिरणा़ मूंन साध वन चरणा को चुना गया है।फाउंडेशन द्वारा यहां आज जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि इस पुस्तक का प्रकाशन वर्ष 2010 में किया गया था। बिहारी पुरस्कार के रूप में एक प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिह्न और एक लाख रूपये का पुरस्कार दिया जायेगा।
इसमें बताया गया है कि वर्ष 2013 का 23वां बिहारी पुरस्कार राजस्थानी भाषा के लेखक चंद्रप्रकाश देवल को दिया जायेगा। यह पुरस्कार उनके काव्य संग्रह हिरणा़ मूंन साध वन चरणा के लिये दिया जायेगा।
बिहारी पुरस्कार राजस्थान के हिन्दी या राजस्थानी भाषा के लेखकों को प्रदान किया जाता है। पहला बिहारी पुरस्कार 1991 में डा़ जयसिंह नीरज को उनके काव्य संग्रह ढाणी का आदमी के लिए प्रदान किया गया था।
- एजेंसी
के. के. बिड़ला फाउंडेशन ने वर्ष 2013 के 23वें बिहारी पुरस्कार के लिए चंद्रप्रकाश देवल के राजस्थानी भाषा में लिखे गये काव्य संग्रह हिरणा़ मूंन साध वन चरणा को चुना गया है।फाउंडेशन द्वारा यहां आज जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि इस पुस्तक का प्रकाशन वर्ष 2010 में किया गया था। बिहारी पुरस्कार के रूप में एक प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिह्न और एक लाख रूपये का पुरस्कार दिया जायेगा।
इसमें बताया गया है कि वर्ष 2013 का 23वां बिहारी पुरस्कार राजस्थानी भाषा के लेखक चंद्रप्रकाश देवल को दिया जायेगा। यह पुरस्कार उनके काव्य संग्रह हिरणा़ मूंन साध वन चरणा के लिये दिया जायेगा।
बिहारी पुरस्कार राजस्थान के हिन्दी या राजस्थानी भाषा के लेखकों को प्रदान किया जाता है। पहला बिहारी पुरस्कार 1991 में डा़ जयसिंह नीरज को उनके काव्य संग्रह ढाणी का आदमी के लिए प्रदान किया गया था।
- एजेंसी
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