मशहूर शायर अहमद फ़राज़ साहब का ये शेर आईपीएल क्रिकेट के मौजूदा हालातों और हश्र की ओर बखूबी इशारा करता है कि-
''हम दुश्मनों को भी पाकीज़ा सजा देते हैं ''फ़राज़ ''
हाथ उठाते नहीं ...............नज़रों से गिरा देते हैं ''
3 w यानि wealth..women..wine..की मंशा के साथ शुरू किये गये आईपीएल में महज एक स्पॉट फिक्सिंग के उजागर होने ने प्याज के छिलकों की तरह सारी कहानियों को परत दर परत उतार कर दिया रख दिया है ।
वो हकीकतें भी सरेआम कर दीं जो कथित 'बड़े' लोगों की रंगीनियों को आसमान पर बैठा रही थीं।
आईपीएल टीमों के उन खरीददारों की मंशा भी उजागर कर गई ये स्पॉट फिक्सिंग से लोगों के जज़्बातों को कौड़ियों में तोलने की हिमाकत कर गये।
सचमुच 'इंक्रेडिबिल' है इंडिया की यह तस्वीर कि एक ओर भुखमरी मिटाने के लिए मां बाप अपने बच्चों को बीड़ी बनाये जाने वाले तेंदू पत्तों को उबालकर पिला रहे हैं ताकि बच्चों को नशा बना रहे और वे भोजन की मांग ना करें।
इतना ही नहीं भोजन के बंदोबस्त में वे खुद को भी बंधुआ बनाने से नहीं हिचकिचा रहे...ये तो रही मजबूरी की बंधुआगिरी मगर जो खुद की बोली लगाने से लेकर देश के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले खेल की धज्जियां उड़ा रहे हैं, वे जो अपने प्रशंसकों और खेल की भावना को तहस नहस करने में जुटे रहे, वे जो बुकीज के इशारों पर बंधुआ बने रहे...वे जो देश की इज़्जत को कोई कसर नहीं छोड़ रहे...ये तो वो हैं जो पकड़े गये अभी कितने ऐसे कथित खिलाड़ी होंगे जो बंधुआगिरी का फ़र्ज निभा रहे होंगे। उनके ऊपर तो तरस भी नहीं खाया जा सकता।
आज भले ही बीसीसीआई और सरकार व कोर्ट मिलकर इस मामले की जड़ों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं मगर क्रिकेट प्रेमियों की भावनाओं के साथ जो कुछ हुआ उसे तो फ़राज़ साहब का उक्त शेर बखूबी उकेरता है कि .....नज़रों से गिरा देते हैं ।
- अलकनंदा सिंह
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