Legend News
आज, रविवार को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जा रहा है। पहली बार यह दिवस सन् 1966 में मनाया गया था।
इस साल मनाए जा रहे अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का विषय है- "21-वीं शताब्दी में साक्षरता"। आज के दिन, परंपरा के अनुसार, मुख्य रूप से अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों का आयोजन किया जाता है और साक्षरता को बढ़ावा देनेवाले व्यक्तियों और संस्थानों को विशेष पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है।
अप्रैल 2000 में सेनेगल की राजधानी डकार में हुए यूनेस्को के विश्व शिक्षा फोरम में यह लक्ष्य निर्धारित किया गया था कि वर्ष 2015 तक दुनिया में निरक्षर वयस्कों, विशेष रूप से अनपढ़ महिलाओं, की संख्या आधी रह जाएगी।
यूनेस्को संगठन शिक्षा के फैलाव के लिए कार्यक्रम तैयार करने, प्रशिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने, शिक्षा की विधियों को विकसित करने और शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के क्षेत्रों में दुनिया भर के देशों की मदद करता है।
आजकल दुनिया की 17 प्रतिशत वयस्क आबादी, यानी 77.5 करोड़ वयस्क अनपढ़ हैं। उनमें से दो-तिहाई महिलाएँ निरक्षर हैं। लगभग तीन चौथाई निरक्षर आबादी दुनिया के सिर्फ दस देशों में रहती है।
आज, रविवार को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जा रहा है। पहली बार यह दिवस सन् 1966 में मनाया गया था।
इस साल मनाए जा रहे अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का विषय है- "21-वीं शताब्दी में साक्षरता"। आज के दिन, परंपरा के अनुसार, मुख्य रूप से अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों का आयोजन किया जाता है और साक्षरता को बढ़ावा देनेवाले व्यक्तियों और संस्थानों को विशेष पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है।
अप्रैल 2000 में सेनेगल की राजधानी डकार में हुए यूनेस्को के विश्व शिक्षा फोरम में यह लक्ष्य निर्धारित किया गया था कि वर्ष 2015 तक दुनिया में निरक्षर वयस्कों, विशेष रूप से अनपढ़ महिलाओं, की संख्या आधी रह जाएगी।
यूनेस्को संगठन शिक्षा के फैलाव के लिए कार्यक्रम तैयार करने, प्रशिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने, शिक्षा की विधियों को विकसित करने और शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के क्षेत्रों में दुनिया भर के देशों की मदद करता है।
आजकल दुनिया की 17 प्रतिशत वयस्क आबादी, यानी 77.5 करोड़ वयस्क अनपढ़ हैं। उनमें से दो-तिहाई महिलाएँ निरक्षर हैं। लगभग तीन चौथाई निरक्षर आबादी दुनिया के सिर्फ दस देशों में रहती है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें