किसान आंदोलन को समर्थन देने के नाम पर जिन विदेशी सेलेब्रिटीज ने ट्वीट किये उनमें ग्रेटा थनबर्ग के एक ट्वीट ने बहुत सुर्खियां बटोरीं, वजह थी ग्रेटा के ट्वीट के साथ उसने वो टूलकिट (Toolkit) भी ट्वीट कर दिया जो प्रोपेगंडा की सारी पोल खोलता चला गया।
तो आखिर ये टूलकिट होता क्या है और कैसे काम करता है, जो सोशल मीडिया पर एक्टिव तो रहते हैं उनके लिए इसके बारे में जानना ज्यादा जरूरी है।
क्या है टूलकिट?
दरअसल टूलकिट एक ऐसा दस्तावेज होता है जिसमें किसी मुद्दे की जानकारी देने के लिए और उससे जुड़े कदम उठाने के लिए इसमें विस्तृत सुझाव दिए गए होते हैं। आमतौर पर किसी बड़े अभियान या आंदोलन के दौरान उसमें हिस्सा लेने वाले वॉलंटियर्स को इसमें दिशानिर्देश दिए जाते हैं। टूलकिट का पहली बार जिक्र अमेरिका में किया गया था।
कब चर्चा में आया टूलकिट
आप को याद होगा कि अमेरिका में एक अश्वेत शख्स की हत्या कर दी गई और अमेरिका सुलग उठा था। उसी दौरान ब्लैक लाइफ मैटर नाम से आंदोलन भी अस्तित्व में आया, जिसे बाहरी मुल्कों के लोगों ने भी समर्थन दिया था उसी दौरान आंदोलन से जुड़े लोगों ने ही टूलकिट बनाया, जिसमें तरह-तरह की जानकारी थी।
उदाहरण के लिए आंदोलन में किन जगहों पर जाएं या दूर रहें, सोशल मीडिया पर किस तरह से सक्रिय रह सकते हैं, किन हैशटैग के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाई जा सकती है। इसके साथ ही अगर पुलिस कोई कार्यवाही करती है तो उससे किस तरह से बचा जा सकता है।
इस वजह से अब यह स्पष्ट हो गया है कि टूलकिट वह डिजिटल हथियार है, जो सोशल मीडिया पर एक बड़े वर्ग पर किसी आंदोलन को हवा देने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को उसमें जोड़ने के लिए किया जाता है। टूलकिट में वो सभी चीजें मौजूद होती हैं, जो लोगों को अपनाने की सलाह दी जाती है, ताकि आंदोलन भी बढ़े और किसी तरह की कोई बड़ी कार्यवाही भी न हो सके।
ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट से चर्चा में आया टूलकिट
ग्रेटा के इस ट्वीट में docs.google.com/document/d/10G लिखा हुआ है वो टूलकिट है, इसी पर क्लिक करने पर ये एक अलग फाइल खुलती है। ये उनके ट्वीट का एक स्क्रीन शॉट है।
टूलकिट की शुरुआत चाइल्ड एक्टिविस्ट के तौर पर चर्चित रहीं ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) के ट्वीट से फिर से हो गई है। किसान आंदोलन के समर्थन में ग्रेटा ने एक ट्वीट किया और एक टूलकिट (toolkit) नाम का एक डॉक्यूमेंट शेयर किया। इसको देखकर सोशल मीडिया पर काफी हंगामा हुआ। हंगामा होने के बाद ग्रेटा ने ये ट्वीट डिलीट कर दिया और दूसरा ट्वीट कर दूसरा टूलकिट डॉक्यूमेंट शेयर कर दिया। ग्रेटा द्वारा शेयर की गई इस टूलकिट में किसान आंदोलन के बारे में जानकारी जुटाने और आंदोलन का साथ कैसे करना है इसकी पूरी डिटेल दी गई थी।
भारत में चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन
इस टूलकिट में समझाया गया है कि कैसे भारत में चल रहे किसान आंदोलन के बारे जरूरी अपडेट लेने हैं? अगर कोई यूजर किसान आंदोलन पर ट्वीट कर रहा है तो उसे कौन-सा हैशटैग लगाना हैं? अगर कोई दिक्कत आए तो किन लोगों से बात करनी है? ट्वीट करते वक्त क्या करना जरूरी है? क्या करने से बचना है? ये सारी बातें इस टूलकिट में मौजूद थीं।
टूलकिट ट्वीट किया फिर डिलीट कर दिया
ग्रेटा ने बुधवार को किसानों की परेशानी को लेकर बात करने वाला ट्वीट किया। इसे लेकर भारत में काफी तीखी प्रतिक्रिया हुई। इस ट्वीट के साथ ही उन्होंने एक ऐसा डॉक्युमेंट भी ट्विटर पर शेयर कर दिया, जिसमें किसानों को लेकर सोशल मीडिया पर कैसे समर्थन जुटाया जाए उसके बारे में जानकारी दी गई थी। इसमें पूरे प्लान के तहत 4 फरवरी और 5 फरवरी को किए गए ट्वीट में सेलेब्रिटी ट्वीट की बात लिखी गई। साथ ही उन सभी हैशटैग का वर्णन भी है, जिन्हें इस्तेमाल किया जाना है।
- अलकनंदा सिंंह
टूलकिट के बारे में जानकारी देने के लिए आपका धन्यवाद..
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी तरह आपने तथ्यों के साथ समझाया..
धन्यवाद अर्पिता जी
हटाएंस्थानीय उपद्रव को टूलकिट के द्वारा एक अन्तर्राष्ट्रीय शक्ल देने के पीछे की अक़्ल की दास्तान पढ़कर अच्छा लगा। आभार!!!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद विश्वमोहन जी
हटाएंये तो वही बात हो गई कि मोर को अपना ही पैर नहीं दिखता है साथ ही बेगाने की शादी में बहुत सारे अब्दुल्ला ठुमका लगा रहे हैं । एवज में सिक्का तो उछलेगा ही ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अमृता जी
हटाएंतथ्यात्मक जानकारी
जवाब देंहटाएंमेरे लिए तो नितांत नयी जानकारी है| कोटि आभार अलकनंदा जी |
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