मंगलवार, 27 जुलाई 2021

भारतीय मूल के ब्रिटिश उपन्यासकार संजीव सहोटा #SunjeevSahota बुकर पुरस्कार के लिए नामित


 लंदन। भारतीय मूल के ब्रिटिश उपन्यासकार संजीव सहोटा इस साल के प्रतिष्ठित बुकर पुरस्कार की काल्पनिक कथा की श्रेणी के अपने उपन्यास ‘चाइना रूम’ के लिए नामित हुए हैं। जजों ने मंगलवार को उनके उपन्यास की प्रशंसा करते हुए उसे आव्रजकों के अनुभव पर लाजवाब मोड़ बताया है। हालांकि सहोटा के लिए मुकाबला बेहद कड़ा रहने वाला है क्योंकि उनके साथ इस साल कुल 13 लोगों को नामित किया गया है जिसमें नोबेल विजेता काजू इशिगुरो और पुलित्जर पुरस्कार विजेता रिचर्ड पावर्स भी शामिल हैं।

1960 में पंजाब से आए थे ब्रिटेन
40 वर्षीय संजीव सहोटा के बाबा-दादी 1960 में पंजाब से ब्रिटेन आ गए थे। वर्ष 2015 में भी सहोटा के उपन्यास ‘द ईयर ऑफ रनअवेज’ को बुकर पुरस्कार के लिए नामित किया जा चुका है। उन्हें वर्ष 2017 में साहित्य के लिए यूरोपीय यूनियन के पुरस्कार से भी नवाजा गया था। संजीव सहोटा के उपन्यास ‘चाइना रूम’ को वर्ष 2020 के अक्टूबर और 2021 सितंबर के बीच ब्रिटेन और आयरलैंड में प्रकाशित 158 अंग्रेजी उपन्यासों में से चुना गया है। बुकर पुरस्कार के जजों का कहना है कि दो कालों और महाद्वीपों के बीच के अंतर को ‘चाइना रूम’ उपन्यास में एक साथ पिरोया गया है। आव्रजकों के अनुभवों पर आधारित इसके कथानक में बेहद रोचक मोड़ है। इस पीड़ा को बेहद सुलझे तरीके से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुंचते हुए दिखाया गया है। करारी और स्पष्ट भाषा में उपन्यास में बेहद नाटकीय घटनाक्रम दर्शाया गया है। सहोटा ने बड़ी सहजता से इस बोझिल विषय को भी प्रेम, उम्मीद और विनोद से भर दिया है।
3 नवंबर को होगा विजेता का ऐलान
सहोटा के अलावा बुकर पुरस्कार के नामित उपन्यासों की 2021 की सूची में जापानी मूल के ब्रिटिश लेखक काजू इशीगोरा की ‘लारा एंड द सन’ को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा दक्षिण अफ्रीकी लेखक डेमन गैलुट की ‘द प्रामिस’ और अमेरिकी लेखक रिचर्ड्स पावर की ‘बिवाइल्डरमेंट’ को भी नामित किया गया है। जजों के पैनल की अध्यक्ष और इतिहासकार माया जैसनआफ ने कहा कि यह सभी किताबें अपने पाठकों को अपनी अनसुनी कहानियों से बांधे रखती हैं। इस साल बुकर के लिए नामित 13 किताबों में दो अमेरिकियों पेट्रीशिया लाकवुड की पहली बार नामित किताबें ‘नो वन इज टाकिंग अबाउट दिस’ और नाथन हैरिस की ‘द स्वीटनेस आफ वाटर’ भी शामिल हैं। 14 सितंबर को इनमें से छह किताबों का चयन होगा और विजेता की घोषणा लंदन में एक समारोह के दौरान तीन नवंबर को होगी।

प्रस्‍तुत‍ि- अलकनंदा स‍िंंह

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें