लखनऊ। इस रमजान मुस्लिम समाज गोहत्या रोकने के लिए एकजुट होकर अभियान
चलायेगा और गोमांस का बहिष्कार करेगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश मुस्लिम
व्यापारी संघ के 450 कार्यकर्ता रमजान शुरू होने के साथ ही मुस्लिम बहुल
इलाकों में जाकर मुसलमानों को समझाएंगे कि इस्लाम में गोमांस खाने पर
पाबंदी है।
मुस्लिम व्यापारी संघ के अध्यक्ष शमीम शम्सी का कहना है कि मुसलमानों के चौथे और आखिरी खलीफा हजरत अली ने गाय के मांस को जहर और इसके दूध को अमृत बताया था मगर जानकारी न होने के कारण मुस्लिम समाज गोमांस को लेकर धार्मिक, कानूनी और सामाजिक तर्कों में उलझ जाता है।
यूपी मुस्लिम व्यापारी संघ ने गोहत्या और गोमांस की बिक्री पर रोक से भी एक कदम आगे बढ़ाते हुए इसके निर्यात पर भी प्रतिबंध लगाने मांग की है। इस मसले पर संघ के पदाधिकारी जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने जा रहे हैं।
पहले इसी मुद्दे पर व्यापारी संघ ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मुलाकात की थी। उन्हें मांगपत्र भी सौंपा था। शमीम को उम्मीद है कि मोदी सरकार से इस मुद्दे पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलेगी। अगले महीने से शुरू होने वाले अभियान के लिए 450 युवा कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की गई है।
व्यापारी संघ ने गोमांस पर बैन के साथ गो पालकों को गाएं पालने के लिए मुआवजा दिए जाने की मांग की है। संघ के मुताबिक गरीब किसान दूध न देने वाली गायों को तंगी में कसाइयों को बेच देते हैं। ऐसे में बूढ़ी और दूध न देने वाली गायों को बचाने के लिए उनके पालकों को सरकार की तरफ से आर्थिक मदद दी जाए और ऐसी गायों का पंजीकरण किया जाए।
मुस्लिम व्यापारी संघ ने आरोप लगाया है कि प्रदेश के सभी स्लॉटर हाउस बाहुबली और राजनीतिक दलों के नेताओं के हैं। इन नेताओं की पैरवी बड़े नेता भी करते हैं। यही वजह है कि कोशिशों के बावजूद स्लॉटर हाउसों पर कोई कार्यवाही नहीं होती। इसके बजाय गोमांस का निर्यात लगातार बढ़ता जा रहा है।
शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने इस मुस्लिम व्यापारी संगठन की इस पहल पर कहा, ‘यूपी में गाय के गोश्त का प्रयोग न के बराबर है। अगर ऐसा कोई अभियान चलाया जा रहा है तो वह सराहनीय है। मौका आया तो हम भी योगदान देंगे।’
मुस्लिम व्यापारी संघ के अध्यक्ष शमीम शम्सी का कहना है कि मुसलमानों के चौथे और आखिरी खलीफा हजरत अली ने गाय के मांस को जहर और इसके दूध को अमृत बताया था मगर जानकारी न होने के कारण मुस्लिम समाज गोमांस को लेकर धार्मिक, कानूनी और सामाजिक तर्कों में उलझ जाता है।
यूपी मुस्लिम व्यापारी संघ ने गोहत्या और गोमांस की बिक्री पर रोक से भी एक कदम आगे बढ़ाते हुए इसके निर्यात पर भी प्रतिबंध लगाने मांग की है। इस मसले पर संघ के पदाधिकारी जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने जा रहे हैं।
पहले इसी मुद्दे पर व्यापारी संघ ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मुलाकात की थी। उन्हें मांगपत्र भी सौंपा था। शमीम को उम्मीद है कि मोदी सरकार से इस मुद्दे पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलेगी। अगले महीने से शुरू होने वाले अभियान के लिए 450 युवा कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की गई है।
व्यापारी संघ ने गोमांस पर बैन के साथ गो पालकों को गाएं पालने के लिए मुआवजा दिए जाने की मांग की है। संघ के मुताबिक गरीब किसान दूध न देने वाली गायों को तंगी में कसाइयों को बेच देते हैं। ऐसे में बूढ़ी और दूध न देने वाली गायों को बचाने के लिए उनके पालकों को सरकार की तरफ से आर्थिक मदद दी जाए और ऐसी गायों का पंजीकरण किया जाए।
मुस्लिम व्यापारी संघ ने आरोप लगाया है कि प्रदेश के सभी स्लॉटर हाउस बाहुबली और राजनीतिक दलों के नेताओं के हैं। इन नेताओं की पैरवी बड़े नेता भी करते हैं। यही वजह है कि कोशिशों के बावजूद स्लॉटर हाउसों पर कोई कार्यवाही नहीं होती। इसके बजाय गोमांस का निर्यात लगातार बढ़ता जा रहा है।
शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने इस मुस्लिम व्यापारी संगठन की इस पहल पर कहा, ‘यूपी में गाय के गोश्त का प्रयोग न के बराबर है। अगर ऐसा कोई अभियान चलाया जा रहा है तो वह सराहनीय है। मौका आया तो हम भी योगदान देंगे।’
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