विलियम शेक्सपीयर (26 अप्रैल 1564 – 23 अप्रैल 1616) अंग्रेजी के कवि, नाटककार तथा अभिनेता थे।
शेक्सपियर में अत्यंत उच्च कोटि की सर्जनात्मक प्रतिभा थी और साथ ही उन्हें कला के नियमों का सहज ज्ञान भी था। उनके नाटकों का लगभग सभी प्रमुख भाषाओं में अनुवाद हुआ है।
प्रकृति से उन्हे मनो वरदान मिला था अत: उन्होंने जो कुछ छू दिया वह सोना हो गया। उनकी रचनाएँ न केवल अंग्रेज जाति के लिए गौरव की वस्तु हैं वरन् विश्ववाङ्मय की भी अमर विभूति हैं। शेक्सपियर की कल्पना जितनी प्रखर थी उतना ही गंभीर उनके जीवन का अनुभव भी था। अत: जहाँ एक ओर उनके नाटकों तथा उनकी कविताओं से आनंद की उपलब्धि होती है वहीं दूसरी ओर उनकी रचनाओं से हमको गंभीर जीवनदर्शन भी प्राप्त होता है। विश्वसाहित्य के इतिहास में शेक्सपियर के समकक्ष रखे जानेवाले विरले ही कवि मिलते हैं।
विश्वप्रसिद्ध दु:खांत नाटक हैमलेट, आथेलो, किंग लियर और मेकबैथ एवं रोमन दु:खांत नाटक जूलियस सीजर, एंटोनी ऐंड क्लिओपाट्रा एवं कोरिओलेनस इसी कालावधि में लिखे गए और अभिनीत हुए। 'ट्रवायलस ऐंड क्रेसिडा', 'आल्स वेल दैट एंड्स वेल' और 'मेजर फार मेजर' में सुख और दु:ख की संश्लिष्ट अभिव्यक्ति हुई है, तब भी दु:खद अंश का ही प्राधान्य है।
विकास की अंतिम अवस्था में शेक्सपियर ने पेरिकिल्स, सिंवेलिन, 'दी विंटर्स टेल', 'दी टेंपेस्ट' प्रभृति नाटकों का सर्जन किया, जो सुखांत होने पर भी दु:खद संभावनाओं से भरे हैं एवं एक सांध्य वातावरण की सृष्टि करते हैं। इन सुखांत दु:खांत नाटकों को रोमांस अथवा शेक्सपियर के अंतिम नाटकों की संज्ञा दी जाती है।
आज 23 अप्रैल को.....शेक्सपीयर के कुछ Phrases याद आ रहे हैं ....जो अक्सर हमारी आम बोलचाल में बोले जाते हैं .....
1. Love looks not with the eyes, but with the mind; and therefore is winged Cupid painted blind.
2. To thine own self be true, and it must follow, as the night the day, thou canst not then be false to any man.
3. Love all, trust a few, do wrong to none.
इसके अलावा 'प्यार अंधा होता है (LOVE IS BLIND)का अहसास पहली बार दुनिया के सामने आया । ऐसा लगता नहीं कि दुनिया को पहली बार प्यार में दर्द का एहसास कराने वाले मशहूर अंग्रेजी कवि विलियम शेक्सपियर आज के ही दिन 400 साल पहले दुनिया से चले गए हों। सच तो ये है कि 400 साल बाद भी शेक्सपियर आज भी कई रूपों में दुनिया के बीच जिंदा हैं।
कुछ और उनकी रचनाओं और कविताओं से लिए गए यादगार अल्फाज ....हैं जैसे कि....
Green-eyed monster यानी जलन (ओथेलो से ली गई)
Knock knock! Who's there?" हम अक्सर ये सवाल पूछ देते हैं (मैकबेथ से ली गई)
Love is blind: यानी प्यार अंधा होता है, जब आप किसी को प्यार करते हो तो आपको कुछ भी सही गलत नहीं लगता है, सिर्फ प्यार से भरा हुआ महसूस करते हैं आप। (द मर्चेंट ऑफ वेनिस से ली गई)
Catch a cold यानी बीमार हूं (सिमबलाइन)
Wild goose chase यानी एक समझौता जो कभी फलदायी नहीं साबित होगा (रोमियो एंड जुलिएट)
Break the ice यानी बातचीत शुरू करना (द टेमिंग ऑफ द श्रु)
To wear your heart on your sleeve यानी खुलकर अपनी भावनाओं को व्यक्त करना (ओथेलो)
ऊपर कुछ ऐसे Phrases (वाक्यांश) हैं जिसका इस्तेमाल आज भी हम अक्सर करते हैं प्यार के इजहार , संवाद में इस्तेमाल करते हैं।
- अलकनंदा सिंह
शेक्सपियर में अत्यंत उच्च कोटि की सर्जनात्मक प्रतिभा थी और साथ ही उन्हें कला के नियमों का सहज ज्ञान भी था। उनके नाटकों का लगभग सभी प्रमुख भाषाओं में अनुवाद हुआ है।
प्रकृति से उन्हे मनो वरदान मिला था अत: उन्होंने जो कुछ छू दिया वह सोना हो गया। उनकी रचनाएँ न केवल अंग्रेज जाति के लिए गौरव की वस्तु हैं वरन् विश्ववाङ्मय की भी अमर विभूति हैं। शेक्सपियर की कल्पना जितनी प्रखर थी उतना ही गंभीर उनके जीवन का अनुभव भी था। अत: जहाँ एक ओर उनके नाटकों तथा उनकी कविताओं से आनंद की उपलब्धि होती है वहीं दूसरी ओर उनकी रचनाओं से हमको गंभीर जीवनदर्शन भी प्राप्त होता है। विश्वसाहित्य के इतिहास में शेक्सपियर के समकक्ष रखे जानेवाले विरले ही कवि मिलते हैं।
विश्वप्रसिद्ध दु:खांत नाटक हैमलेट, आथेलो, किंग लियर और मेकबैथ एवं रोमन दु:खांत नाटक जूलियस सीजर, एंटोनी ऐंड क्लिओपाट्रा एवं कोरिओलेनस इसी कालावधि में लिखे गए और अभिनीत हुए। 'ट्रवायलस ऐंड क्रेसिडा', 'आल्स वेल दैट एंड्स वेल' और 'मेजर फार मेजर' में सुख और दु:ख की संश्लिष्ट अभिव्यक्ति हुई है, तब भी दु:खद अंश का ही प्राधान्य है।
विकास की अंतिम अवस्था में शेक्सपियर ने पेरिकिल्स, सिंवेलिन, 'दी विंटर्स टेल', 'दी टेंपेस्ट' प्रभृति नाटकों का सर्जन किया, जो सुखांत होने पर भी दु:खद संभावनाओं से भरे हैं एवं एक सांध्य वातावरण की सृष्टि करते हैं। इन सुखांत दु:खांत नाटकों को रोमांस अथवा शेक्सपियर के अंतिम नाटकों की संज्ञा दी जाती है।
आज 23 अप्रैल को.....शेक्सपीयर के कुछ Phrases याद आ रहे हैं ....जो अक्सर हमारी आम बोलचाल में बोले जाते हैं .....
1. Love looks not with the eyes, but with the mind; and therefore is winged Cupid painted blind.
2. To thine own self be true, and it must follow, as the night the day, thou canst not then be false to any man.
3. Love all, trust a few, do wrong to none.
इसके अलावा 'प्यार अंधा होता है (LOVE IS BLIND)का अहसास पहली बार दुनिया के सामने आया । ऐसा लगता नहीं कि दुनिया को पहली बार प्यार में दर्द का एहसास कराने वाले मशहूर अंग्रेजी कवि विलियम शेक्सपियर आज के ही दिन 400 साल पहले दुनिया से चले गए हों। सच तो ये है कि 400 साल बाद भी शेक्सपियर आज भी कई रूपों में दुनिया के बीच जिंदा हैं।
कुछ और उनकी रचनाओं और कविताओं से लिए गए यादगार अल्फाज ....हैं जैसे कि....
Green-eyed monster यानी जलन (ओथेलो से ली गई)
Knock knock! Who's there?" हम अक्सर ये सवाल पूछ देते हैं (मैकबेथ से ली गई)
Love is blind: यानी प्यार अंधा होता है, जब आप किसी को प्यार करते हो तो आपको कुछ भी सही गलत नहीं लगता है, सिर्फ प्यार से भरा हुआ महसूस करते हैं आप। (द मर्चेंट ऑफ वेनिस से ली गई)
Catch a cold यानी बीमार हूं (सिमबलाइन)
Wild goose chase यानी एक समझौता जो कभी फलदायी नहीं साबित होगा (रोमियो एंड जुलिएट)
Break the ice यानी बातचीत शुरू करना (द टेमिंग ऑफ द श्रु)
To wear your heart on your sleeve यानी खुलकर अपनी भावनाओं को व्यक्त करना (ओथेलो)
ऊपर कुछ ऐसे Phrases (वाक्यांश) हैं जिसका इस्तेमाल आज भी हम अक्सर करते हैं प्यार के इजहार , संवाद में इस्तेमाल करते हैं।
- अलकनंदा सिंह